तमिलनाडु मे NIA की बड़ी कार्रवाई, 45 ठिकानों पर तलाश रही टेरर फंडिंग के निशान

कोयंबटूर में हुए कार विस्फोट के बाद एनआईए हरकत में आई, मामले में केस दर्ज करने के बाद आज कई जगहों पर टेरर फंडिंग के सुराग तलाशे जा रहे हैं.
कोयंबटूर में कार में सिलेंडर विस्फोट मामले में गुरुवार को एनआईए ने तमिलनाडु में बड़ी कार्रवाई की है. एनआईए ने एक साथ 45 जगहों पर छापे मारे हैं. फिलहाल एनआईए लोकेशंस पर पड़ताल कर रही है. एनआईए का यह एक्शन टेरर फंडिंग के सुराग ढूंढने के लिए किया जा रहा है. एनआईए ने सिर्फ कोयंबटूर में 21 लोकेशन पर छापे मारे हैं. इसके अलावा कई ठिकानों पर शनिवार देर रात 1 बजे रेड डाली गई है. वहीं कोयंबटूर में सुबह 5 बजे से यह कार्रवाई शुरू की गई है. इस रेड में एनआईए के 150 अधिकारी कर्मचारी शामिल हैं.
यह कार्रवाई एनआईए की ओर से तब की जा रही है जबकि कोयंबटूर में कार में हुए सिलेंडर धमाके के बाद एनआईए ने खुद केस दर्ज किया था और जांच शुरू की थी. इसी वजह से एनआईए की इस बड़ी कार्रवाई को इस विस्फोट से जोड़कर देखा जा रहा है. इस विस्फोट में जमीशा मुबीन नाम के शख्स की मौत हो गई थी. यह विस्फोट एक मंदिर के पास खड़ी कार में हुआ था. एनआईए ने यह जांच बीते 30 अक्टूबर को शुरू की थी.
गृहमंत्रालय से मिली कार्रवाई की अनुमति
एनआईए ने स्थानीय पुलिस की मदद से गुरुवार तड़के कार्रवाई शुरू की है. एनआईए ने कोट्टामेडु, पोनविझा नगर, रथीनापुरी और उक्काडम में छापे चल रहे हैं. केंद्रीय आतंतवाद विरोधी एजेंसी की यह कार्रवाई केस रजिस्टर करने के करीब 15 दिन की बाद की जा रही है. इस कार्रवाई के पहले एनआईए ने गृह मंत्रालय से अनुमति मांगी थी. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री के केंद्र को लिखे गए पत्र में भी इस मामले की जांच एनआईए से करने की मांग की थी. इसके लेटर के एक दिन बाद गृहमंत्रालय ने इसकी मंजूरी दी थी.
आधा दर्जन हो चुके हैं गिरफ्तार
पुलिस इस कार विस्फोट के मामले में कार्रवाई करते हुए अभी तक आधा दर्जन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. इन सभी पर शक है कि यह विस्फोट के दौरान मारे गए शख्स जमीशा मुबीन के साथ लिंक में थे. पुलिस ने बताया कि मुबीन से एनआईए 2019 में भी एक मामले में पूछताछ कर चुकी है. इस विस्फोट के पीछे उसी को मुख्य जिम्मेदार बताया जा रहा है.
बता दें कि आतंकवाद पर लगाम कसने के लिए लगातार ही एनआईए के अफसर कई ठिकानों पर छापामार कार्रवाई कर रहे हैं. इससे पहले 2 दिन पहले 8 नवंबर को उत्तर प्रदेश में कई ठिकानों पर एनआईए ने छापे मारे हैं. इसमें कानपुर, लखनऊ, देवबंद और आजमगढ़ समेत कई ठिकानों पर छापे मारे गए. ये सभी छापे प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के ठिकानों पर मारे गए हैं.
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