एलटीसी पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, अब विदेश यात्रा पर नहीं मिलेगी ये छूट
मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित, न्यायमूर्ति एस. रवींद्र भट और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि कानून के प्रावधानों में कहा गया है कि भारत के भीतर दो बिंदुओं के बीच हवाई किराया दिया जाएगा जो सबसे छोटा रूट होगा.
LTC क्या है ?
अवकाश यात्रा रियायत यानि एलटीए (LTC) एक प्रकार का भत्ता है जो एम्प्लायर द्वारा यात्रा के लिए कर्मचारी को दिया जाता है. जब वह काम से छुट्टी पर होता है और देश के भीतर यात्रा कर रहा होता है. तो कंपनियां अपने कर्मचारियों को छुट्टियों में घूमने जाने के लिए अवकाश यात्रा रियायत (LTC) देती हैं. इस यात्रा का खर्च दिखाकर अपने लिए निर्धारित LTC की रकम प्राप्त की जा सकती है. LTC के रूप में खर्च हुए पैसों पर सरकार टैक्स छूट भी देती है.
LTC पर टैक्स छूट के लिए सिर्फ उन यात्राओं का खर्च शामिल कर सकते हैं जो अपने देश (भारत) की सीमाओं के अंदर हों. भले ही वह हवाई यात्रा क्यों न हो. विदेश की यात्रा का खर्च इसमें शामिल नहीं कर सकते. इसी आधार पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है.
कोर्ट ने क्या कहा ?
अदालत ने मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि आयकरअधिनियम के प्रावधानों के मद्देनजर जिस क्षण कर्मचारी विदेशी पैर से यात्रा करते हैं, यह भारत के भीतर की यात्रा नहीं है और इसलिए धारा 10(5) के प्रावधानों के तहत कवर नहीं किया जा सकता है. आयकर अधिनियम 1961 वेतनभोगी वर्ग को विभिन्न छूट प्रदान करता है. कानून के तहत वेतनभोगी वर्ग के लिए उपलब्ध और कंपनी द्वारा व्यापक रूप से उपयोग की जाने वाली ऐसी छूटों में से एक है छुट्टी यात्रा भत्ता (एलटीए) / छुट्टी यात्रा रियायत (एलटीसी) है.
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