हिमाचल चुनाव: बागी बिगाड़ रहे BJP का खेल, 6 साल के लिए सुभाष शर्मा पार्टी से बाहर


हिमाचल प्रदेश में 12 नवंबर से विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण में मतदान होना है. ऐसे में सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी कमर कस ली है. राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ऐड़ी चोटी का जोर लगा रही है, तो वहीं विपक्षी दल भी तख्तापलट की तैयारी में जुटे हैं. चुनाव को लेकर बीजेपी कोई रिस्क लेने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे में पार्टी ने अपने बागियों के खिलाफ कार्रवाई करना भी शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने के लिए सुभाष शर्मा को 6 साल की अवधि के लिए बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया है.
इस चुनावी बयार में बीजेपी के लिए बागी मुश्किल बन रहे हैं, ऐसे में पार्टी ने उनको बाहर का रास्ता दिखाने का फैसला किया है. बता दें कि सुभाष शर्मा से पहले बीजेपी ने प्रदेश उपाध्यक्ष राम सिंह को पार्टी से बाहर निकाला था. इसके अलावा निलंबित किए गए नेताओं में पूर्व विधायक तेजवंत सिंह नेगी (किन्नौर), किशोरी लाल (अन्नी), मनोहर धीमन (इंदौर), के एल ठाकुर (नालागढ़) और पार्टी की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष कृपाल परमार भी शामिज रहे हैं. बीजेपी ने इन नेताओं को टिकट नहीं दिया तो यह सभी अपनी-अपनी सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने को मैदान में उतरे हैं.
राज्य में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को अब डर सताने लगा है कि कहीं बागी पार्टी के लिए चुनाव में कोई बड़ा संकट न बन जाएं. ऐसे में पार्टी लगातार एक-एक बागी की तलाश कर पार्टी से 6 साल के लिए बाहर कर रही है. आपको बता दें कि बीजेपी से टिकट न मिलना नेताओं का बागी बनने की अहम वजह है. बागी नेता अपनी सीट में निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ने को मैदान में उतरे है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अभी बीजेपी पार्टी से कई नेताओं को बाहर कर सकती है.
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