विस्तारा के बाद एयर एशिया का भी मर्जर, 2023 तक टाटा ग्रुप की होंगी ये कंपनियां

 एयर इंडिया ने एक बयान में कहा कि यह विलय 2023 के अंत तक हो सकता है और इसका उद्देश्य एयर इंडिया समूह के लिए एक सस्ती एयरलाइन बनाना है. विलय के बाद जो कंपनी बनेगी उसे एयर इंडिया एक्सप्रेस कहा जाएगा. एयरएशिया 2014 में शुरू हुई थी जबकि एयर इंडिया एक्सप्रेस ने फ्लाइट का काम 2005 में शुरू किया था. एयर इंडिया ने एक बयान में कहा कि दो किफायती एयरलाइन एयरएशिया इंडिया और एयर इंडिया एक्सप्रेस को मिलाने की प्रक्रिया कंपनी के री-स्ट्रक्चरिंग की योजना के तहत की जा रही है. उसने कहा कि इस प्रक्रिया में लगभग 12 महीने का वक्त लगेगा.

मर्जर की क्या है प्लानिंग

इससे पहले, मलेशिया की एयरलाइन एयरएशिया ने एक बयान में बताया था कि उसने एयरएशिया इंडिया में अपनी बाकी हिस्सेदारी एयर इंडिया को बेचने के लिए करार किया है. टाटा समूह और मलेशियाई इकाई के मालिकाना हक वाली एयरएशिया इंडिया ने जून, 2014 में ऑपरेशन शुरू किया था. एयरएशिया एविएशन ग्रुप लिमिटेड ने बयान में कहा कि उसने एयरएशिया इंडिया में बाकी शेयरों को एयर इंडिया को बेचने के लिए शेयर खरीद समझौता किया है.

एयरइंडिया समूह के किफायती ऑपरेशन को एक करने और इसका आकलन करने के लिए एक कार्यसमूह बनाया गया है जिसकी सह-अध्यक्षता एयरएशिया इंडिया के प्रबंधन निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील भास्करन और एयर इंडिया प्रक्सप्रेस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आलोक सिंह करेंगे. यह कार्यसमूह एयर इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी कैंपबेल विल्सन की अध्यक्षता वाली समिति को रिपोर्ट करेगा. विल्सन ने कहा, एयर इंडिया समूह की किफायती एयरलाइन बनाने का काम शुरू करने को लेकर हम उत्साहित हैं.

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने इस साल जून में एयर इंडिया द्वारा एयरएशिया इंडिया की पूरी हिस्सेदारी के प्रस्तावित अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है. एयरएशिया एविएशन ग्रुप के (समूह) मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बो लिंगम ने कहा कि जब हमने 2014 के बाद से पहली बार भारत में ऑपरेशन शुरू किया तो एयरएशिया ने यहां एक विशाल कारोबार बनाया, जो दुनिया के सबसे बड़े एविएशन बाजारों में से एक है.

विस्तारा का विलय जल्द संभव

दूसरी ओर, विस्तारा एयरलाइंस और एयर इंडिया का विलय हो सकता है. दोनों कंपनियों के बीच बात चल रही है. विस्तारा एयरलाइन टाटा संस और सिंगापुर एयरलाइन का जॉइंट वेंचर है जिसमें टाटा की हिस्सेदारी 51 परसेंट और सिंगापुर एयरलाइन की हिस्सेदारी 49 परसेंट है. विस्तारा और एयर इंडिया का विलय होगा या दोनों कंपनियां अलग-अलग एयरलाइन के तौर पर चलाई जाएंगी, इस बार बात-विचार होना है. इस बारे में बात शुरू हो गई है और जल्द कोई फैसला सामने आ सकता है. हालांकि एयर एशिया और एयर इंडिया के मर्जर के बाद दोनों कंपनियां एक होंगी.

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