भारतीय सेना को जल्द मिलेगी ये नई सौगात, बॉर्डर पर चीन की हरकतों पर रखेगी नजर

चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बाद भारतीय सेना लगातार अपनी सेना को अपग्रेड करने में लगी है. अब एक और अपग्रेडेड चीज जल्द ही भारतीय सेना के खेमे में शामिल होगी.
भारत और चीन के बीच लद्दाख क्षेत्र में सीमा लगातार तनावपूर्ण हालात को देखते हुए भारतीय सेना अपनी सुरक्षा बलों को अपग्रेड करने के अभियान में लगी है. सेना ने अपनी स्पेशल फोर्सेज (Special Forces) बटालियनों की निगरानी क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए 750 स्वदेशी रिमोटली पायलोटेड एरियल व्हिकल (Remotely Piloted Aerial Vehicles (RPAVs) देने की योजना बनाई है, जिसमें महत्वपूर्ण परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए आपातकालीन खरीद के तहत फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के जरिए नए उपकरण खरीदे जा सकेंगे.
सेना ने मंगलवार को प्रकाशित रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) में कहा, “पैराशूट (स्पेशल फोर्सेज) बटालियन्स को दुश्मनों को बॉर्डर के पीछे रखने के खास मिशन को अंजाम देना होता है और इसलिए, उन्हें अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होना चाहिए. नॉर्दन बॉर्डर्स (चीन के साथ) के साथ मौजूदा अस्थिरता की स्थित को देखते हुए परिचालन उपकरणों की शीघ्र खरीद की गारंटी देती है.”
RPAV की ये है खासियत
भारत और चीन के बीच लंबे समय से सीमा पर तनाव बना हुआ है. पिछले 29 महीनों से सीमा पर गतिरोध जारी है, और वार्ता के जरिए पूर्वी लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास चार विवादित प्वाइंटस में दो प्वाइंटस पर बने गतिरोध को खत्म कर लिया गया है. हालांकि जिन दो जगहों पर विवाद की स्थिति बनी हुई है और वहां पर दोनों पक्षों की ओर से भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है. बावजूद इसके समाधान के प्रयास किए जा रहे हैं.
दस्तावेज में कहा गया है कि आरपीएवी एक शक्तिशाली सिचुएशनल अवेयरनेस सिस्टम है जो लक्षित क्षेत्र को स्कैन करने और विशेष मिशनों को अंजाम देने के लिए प्रोसेस्ड 3डी इमेज हासिल करने की क्षमता के साथ-साथ दिन-रात निगरानी की सुविधा प्रदान करती है.
लगातार अपग्रेड कर रही सेना
वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, सैन्य अभियान के पूर्व महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया (रिटायर) ने कहा, “आरपीएवी स्पेशल ऑपरेशनंस के दौरान एक फोर्स मल्टीप्लायर है जो निगरानी, वास्तविक समय की खुफिया और त्वरित प्रतिक्रिया पर निर्भर करता है.” यह सब कुछ ऐसे समय में हो रहा है, जब सेना ने कई प्रकार के मानव रहित हवाई वाहनों, निगरानी ड्रोन और सशस्त्र ड्रोन स्वार सहित मानव रहित सिस्टम की एक सीरीज हासिल करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया है.
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