किसान ने उधार लेकर बेटे को बनाया पहलवान, अब वर्ल्ड चैंपियनशिप में रचा इतिहास

 किसान ने उधार लेकर बेटे को बनाया पहलवान, अब वर्ल्ड चैंपियनशिप में रचा इतिहास

ग्रीको रोमन में भारत के लिए इस पहलवान ने बड़ी उपल्बधि हासिल की है. ये हालांकि पहली बार नहीं है कि इस खिलाड़ी ने ऐतिहासिक काम किया हो.

भारत के फ्री स्टाइल पहलवान जहां जाते हैं झंडे गाड़ते हैं लेकिन ग्रीको रोमन में भारत को बहुत कम ही सफलता मिलती है. इस समय स्पेन में खेली जा रही अंडर-23 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में हालांकि भारत को खुशखबरी ग्रीको रोमन से ही मिली है. भारत के साजन भानवाला ने 77 किलोग्राम भारवर्ग में देश की झोली में कांस्य पदक डाला है.

साजन ने अंडर-23 वर्ल्ड रेसलिंग चैंपियनशिप में भारत को पहला पदक दिलाया था. इस युवा पहलवान ने यूक्रेन के दिमित्रो वास्टेस्की को रेपचेज राउंड में मात दी और ऐतिहासिक पदक जीता. भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने अपने ट्वीटर के माध्यम से साजन के पदक जीतने की जानकारी दी.

ऐसे जीता पदक

पहले राउंड में साजन ने लिथुआनिया के एसटिस लियागमिनास को 3-0 से मात दी थी. इसके बाद वह प्री क्वार्टर फाइनल में मोलडोवा के एल्कजेंडरिन गुटु से 0-8 से हार गए थे. गुटु ने फाइनल में जगह बनाई तो साजन को रेपचेज खेलने का मौका मिला. इस खिलाड़ी ने इस मौके को दोनों हाथ से भुनाया और पदक अपने नाम किया.

पिता ने उधार ले बनाया करियर

साजन कसांडी गांव के रहने वाले हैं और उनके पिता महिपाल किसान हैं. घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी और इसलिए उनके पिता को दूसरों से पैसे लेकर अपने बेटे का करियर संवाना पड़ा. 19 सितंबर 2018 को द स्क्रोल ने अपनी रिपोर्ट में साजन के पिता के हवाले से लिखा है, “देश के बहुत खिलाड़ी शान बढ़ा रहे थे तो मैंने भी इसे खिलाड़ी बनाने का सोचा. मुझे नहीं पता ये यहां तक कैसे पहुंच गया लेकिन ये इसकी मेहनत होगी. मैंने इसकी मदद करने की कोशिश की लेकिन हमारी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी इसलिए हमें उधार पैसे लेने पड़े, और कोचों ने भी मदद की.”

 

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