सामान लेने गई थी 5 साल की बच्ची, कुत्तों ने किया हमला और बुरी तरह नोंच डाला, अस्पताल में हुई मौत

 Can we learn to avoid being bitten by dogs?

MP News: आवारा कुत्तों का आतंक लगभग हर शहर में बना हुआ है। लेेकिन प्रशासन की लापरवाही के चलते इस समस्या पर लगाम नहीं लगाई जा रही है। एक बार फिर कुत्तों के हमले ने एक 5 साल के मासूम की जान ले ली। इस बार घटना मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में हुई।

MP News: आवारा कुत्तों के आतंक का शिकार सबसे ज्यादा छोटे बच्चे हो रहे हैं। दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद जैसे शहरों में कुत्तों के काटने का शिकार होने वाले बच्चों की खबरें सुर्खियों में रहती ही हैं। लेकिन इस बार मामला मध्यप्रदेश के खरगोन का है। यहां कुत्तों मिलकर 5 साल की एक बच्ची पर हमला कर दिया।  बुरी तरह से नोंचे जाने के बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। कुत्तों के हमलों पर जिम्मेदारों को ध्यान देने की जरूरत है। क्योंकि शहर बदलते हैं, लेकिन घटना वही रहती है।

जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के बेदिया थाना क्षेत्र के बकवा गांव में आवारा कुत्तों के हमले में एक मासूम की जान चली गई। आवारा कुत्तों के हमले में पांच साल की अबोध बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई थी। उसे बुरी स्थिति में अस्पताल ले जाया गया। लेकिन इलाज के दौराना उसकी मौत हो गई।

दुकान पर सामान खरीदने गई थी बच्ची, कुत्तों ने कर दिया हमला

जानकारी के मुताबिक 21 अक्टूबर की शाम पांच साल की बच्ची पास ही स्थित एक दुकान पर कोई सामान खरीदने गई थी। उसी समय आवारा कुत्तों ने बच्ची पर हमला कर दिया। कुत्तों के हमले के बाद बच्ची की चीख.पुकार सुनकर आसपास के लोग मौके की ओर दौड़े और आवारा कुत्तों को भगाया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी।

बच्ची को कई जगह से बुरी तरह नोंच लिया था

कुत्तों ने हमले के दौरान मासूम बच्ची को कई जगह से बुरी तरह नोंच लिया था। मासूम चिल्लाती रही। जब इस बात की जानकारी आसपास के लोगों ने परिजन को दी तो वे बदहवास होकर दौड़ते हुए घटनास्थल की ओर आए। तब बच्ची को इलाज के लिए तत्काल बेदिया के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। लेकिन वहां डॉक्टरों ने उसकी हालत गंभीर देखते हुए उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। 

जिला अस्पताल में इलाज के दौरान हुई मौत, गले और शरीर पर थे गहरे जख्म

तब तुरंत उसे जिला अस्पताल ले जाकर भर्ती कराया गया। उपचार चल ही रहा था कि इलाज के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया। उसके गले और शरीर पर कई जगह गहरे जख्म थे। घटना के समय बच्ची के पिता मजदूरी के लिए किसी काम से बाहर गए हुए थे।

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